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श्री श्याम शर्मा
(सुलेखाचार्य)

श्री श्याम शर्मा
(सुलेखाचार्य)
सुलेखाचार्य श्री श्याम शर्मा का जन्म मध्यप्रदेश मालवा के देवास ज़िले में 2 अक्टूबर सन 1965 को एक सामान्य किसान परिवार में हुआ इनके पिता का नाम श्री उमाशंकर जी शर्मा एवं माँ का नाम श्रीमती हीरकुँवर शर्मा है l
सुलेखाचार्य ने मध्यप्रदेश सरकार के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग में सुदीर्घ सेवा देनें के उपरान्त ऐच्छिक सेवा निवृत्ति ले ली एवं देवनागरी लिपि के सुलेख को समृद्ध करने का संकल्प को जीवन का लक्ष्य बना लिया l
- Phone:+91-9826770077
- Email:hindisulekh77@gmail.com
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श्री विनीत जी गर्ग - कल्याण ग्रुप इंदौर
(अध्यक्ष)

श्री विनीत जी गर्ग - कल्याण ग्रुप इंदौर
(अध्यक्ष)
श्री विनीत जी गर्ग कल्याण मार्बल एंड ग्रेनाईट लिमिटेड (कल्याण ग्रुप) एवं कल्याण विद्या निकेतन इन्दौर के डाइरेक्टर है।
श्री गर्ग कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हुए हैं।
आप शिक्षा एवं अध्यात्म में बहुत रुचिकर है । आपका सपना भी शिक्षा और अध्यात्म के विस्तार का हमेशा रहता है । श्री गर्ग जी हिन्दी विकास सुलेख संस्था के विधि सलाहकार समिति के अध्यक्ष पद पर हैं ।
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श्री अचल जी चौधरी
(राष्ट्रीय संयोजक)

श्री अचल जी चौधरी
(राष्ट्रीय संयोजक)
Founder & president IPS Academy Indore
अचल जी एक आर्किटेक्ट, एक शिक्षाविद , समाजसेवी होने के साथ साथ पर्यावरण प्रेमी भी है। अचल चौधरी जी की मेहनत से आज आईपीएस अकादमी के अंतर्गत १६ कॉलेजस और ७१ कोर्सेस चल रहे हैं| आईपीएस अकादमी का आर्किटेक्चर कोर्स भारत के टॉप ५ में से एक है और मध्य भारत में पहले स्थान पर है |
अचल जी एक आर्किटेक्ट, एक शिक्षाविद , समाजसेवी होने के साथ साथ पर्यावरण प्रेमी भी है। अचल चौधरी जी की मेहनत से आज आईपीएस अकादमी के अंतर्गत १६ कॉलेजस और ७१ कोर्सेस चल रहे हैं| आईपीएस अकादमी का आर्किटेक्चर कोर्स भारत के टॉप ५ में से एक है और मध्य भारत में पहले स्थान पर है |
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डा.निर्मल जैन - जयपुर
(राष्ट्रीय समन्वयक)

डा.निर्मल जैन - जयपुर
(राष्ट्रीय समन्वयक)
डा.निर्मल जी जैन का जन्म अजमेर (राजस्थान) जैन परिवार में हुआ। निर्मल जी का जीवन तथा नाम यथा गुण से परिपूर्ण है , आप बहुत ही सरल एवं सहज व्यक्ति है ।
इनके पिता श्री व्यवसाय के साथ~साथ समाजसेवी भी रहे हैं ।
निर्मल जी जैन वर्तमान में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य होने के साथ-साथ गुणायतन , मधुबन (झारखंड) के संयुक्त निदेशक व जैन ग्रुप के प्रबंधक निदेशक है , इसके साथ ही श्री जैन ऑल इंडिया वेलफेयर सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, सेफ़्टी प्रोफेशनल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के नेशनल एडवाईज़र है।
श्री जैन राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक एवं मानवाधिकार संस्थान के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके है , भारत तिब्बत सहयोग मंच के पूर्व प्रदेश संयोजक के रूप में श्री जैन ने अपनी अमूल्य सेवाए दी है ।
अपनी कई अमुल्य उपलब्धियों के लिए श्री निर्मल जी जैन को ब्रिटिश पार्लियामेंट लंदन में “ भारत गौरव “ से सम्मानित किया गया।
निर्मल जी बहुत ही मिलनसार और सेवाभावी है , हिन्दी सुलेख संस्था में श्री जैन राष्ट्रीय समन्वयक के पद पर हैं ।
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श्री सुमित जैन
मध्यप्रदेश के नीमच ज़िले में जन्म हुआ । इंदौर से BAAVFX (Bachelor of 3D Animation and VFX)में स्नातक किया। सुमीत जी पेशेवर एक अच्छे आर्टिस्ट है, रचनात्मक एवं सामाजिक कार्यों में इनकी अभिन्न रुचि रही है । सुमीत नि:स्वार्थ भाव से हिन्दी विकास सुलेख संस्था के सचिव पद पर कार्यरत हैं तथा संस्था के माध्यम से देश के सर्वांगीण विकास के लिए अपना सहयोग दे रहे है ।
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नेहा जैन
(प्रबंधक)

नेहा जैन
(प्रबंधक)
मालवांचल के नीमच ज़िले में जन्म हुआ । आपने BCA एवं PGDCA की डिग्री प्राप्त की । शिक्षा एवं सामाजिक कार्यों में नेहा की रुचि हमेशा से रही है , आप एक शिक्षाविद होने के नाते इस बात की स्वीकृति देती है कि शिक्षा और सुलेख के माध्यम से व्यक्ति के सभी रूपों-शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक, नैतिक, आध्यात्मिक और सौंदर्य में सर्वांगीण विकास संभव है और किसी भी देश के विकास के लिए वहाँ के देशवाशियों के व्यक्तित्व का विकास होना आवश्यक है। इसीलिए नेहा हिंदी विकास सुलेख यात्रा में समर्पित भाव से सहयोग कर रही है ।
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श्री संजय पटेल
(हमारे मार्गदर्शक)

श्री संजय पटेल
(हमारे मार्गदर्शक)
संस्कृति, संगीत, योगाशास्त्र प्रकृति और राष्ट्रभाषा हिन्दी के सशक्त प्रवक्ता हैं। यूँ वे मालवा के यशस्वी पुत्र हैं लेकिन इस मामले में भी धनवान हैं कि उन्हें पिता के रूप में हिन्दी के यशस्वी कवि, प्रसारणकर्ता, साहित्यकार, लेखक और रंगकर्मी श्री नरहरि पटेल की विरासत मिली. संजय भाई मूल रूप से विज्ञापन विधा से जुड़े हुए हैं लेकिन जब भी देश में भारतीय संस्कृति की चर्चा हो तो उसके कल्पनाकार, योजनाकार या मार्गदर्शक के रूप में संजय भाई का नाम आदर से लिया जाता है. सांस्कृतिक विषयों पर लिखे गए उनके लेख, संस्मरण इंटरव्यूज़ देश के अग्रणी समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में प्रकाशित होते आए हैं।
वे मां भारती के अनन्य सेवक हैं और उनका किसी भी प्रकल्प में सहभागी होना, उस कार्य की गुणवत्ता और सिद्धि का प्रमाण होता है।